चुकंदर केवल एक सब्जी ही नहीं है, बल्कि औषधीय गुणों का खजाना है

चुकंदर केवल एक सब्जी ही नहीं है, बल्कि औषधीय गुणों का खजाना है

डॉ हरिकृष्ण बाखरु

लाल शलजम या चुकंदर जड़ोंवाली रसदार सब्जी है। जो अपने एक विशेष स्वाद की वजह से अलग पहचान रखती है। जड़ोंवाली अन्य सब्जियों की अपेक्षा यह ज्यादा गुणकारी होती है। इसमें कार्बोहाइड्रेट अधिक मात्रा और वसा कम मात्रा में पाया जाता है। चुकंदर को शरीर के लिए सबसे ज्यादा पौष्टिक सब्जी माना जाता है। इसमें पर्याप्त मात्रा में खनिज तथा कुछ प्रतिशत विटामिन बी1, बी2, तथा सी भी पाया जाता है। इसकी पत्तियों में भरपूर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है और पालक की अपेक्षा इसमें अधिक लौह तत्व पाए जाते हैं।

इसके आलावा चुकंदर से कई बीमारियों में भी फायदा मिलता है। इसके सेवन से गुर्दे और पित्ताशय की सफाई होती है। क्षारीयता, पोटेशियम, सोडियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम और लौह के प्रचुर मात्रा में होने की वजह से यह अम्लता से मुकाबला करने में सक्षम होता है और पेट को साफ करने में मदद करता है। चुकंदर गर्भशय से संबंधी बीमारियों में भी फायदा करता है।

चुकंदर में पाए जाने वाले त्तव-     

चुकंदर का रस एक गुड़करी रसायन है। इसमें प्राकृतिक शर्करा भरपूर मात्रा में पायी जाती है। इसमें पोटेशियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम, सल्फर, आयोडीन, आयरन, तांबा विटामिन बी1, बी 2, नियासिन, बी6, सी और पी पाए जाते हैं। इसके रास में आसानी से पचने वाला कार्बोहाइड्रेट भी पाया जाता है। लेकिन इसमें कैलोरी की मात्रा काम होती है। इसमें प्रोटीन तत्वों और एमिनो अम्ल की गुणवत्ता और मात्रा अच्छी होती है।

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चुकंदर के औषधीय गुण-

1- लाल शलजम या चुकंदर का रस मानव रक्त और रक्त बनाने वाली गुणवत्ताओं से मिल जाता है। आयरन की भरपूर मात्रा होने के कारण लाल रक्त कोशिकाओं को मजबूत करता है और उन्हें एक्टिव करता है। इसके आलावा यह शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति करता है सांस लेने की प्रक्रिया में सहायता करता है। खून की कमी के लिए यह एक बेहतरीन औषधि है।

2- जर्मनी के डॉक्टर फ्रिज किटेल के अनुसार, चुकंदर का रस शरीर की प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाता है। खून की कमी के लिए यह बेहतरीन दवा है। यह बच्चों और युवाओं में रक्त की कमी आसानी से पूरा करता है और ऐसे में अधिक करता है जब अन्य रक्त बनाने वाले तत्व रक्त बनाना बंद कर देते हैं।

3- चुकंदर का रस अकार्बनिक कैल्शियम का बहुत बड़ा भंडार है। जिसके कारण यह रक्तचाप, धमनी काठिन्य , ह्रदय रोग और शिराओं की गड़बड़ियों जैसी बीमारियों में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।

4- चुकंदर का रस जीभ के स्नायुओं और आंतों के स्नायुओं को को उत्तेजित करता है। हाल के प्रयोगों में देखा गया है कि ट्यूमरों की चिकित्सा में चुकंदर का रस प्रभावकारी रहा है।

5- गाजर, खीरा या ककड़ी और चुकंदर का मिला रस गुर्दे व पित्ताशय की बीमारी के लिए बहुत लाभकारी है।

6- चुकंदर की जड़ों का काढ़ा पुराने कब्ज और बवासीर में अचूक औषधि है। रात को सोते समय आधा या 1 गिलास काढ़ा पीने से इन रोगों से निजात मिलेगा। इसके आलावा    इस काढ़े का प्रयोग खुजली और सर की रूसी को दूर करने के लिए भी किया जा सकता    है।

 

(इस आर्टिकल को प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित डॉक्टर हरिकृष्ण बाखरु की किताब से साभार लिया गया है।)

 

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